Delisting meaning in Hindi 1
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Delisting of Shares.

दोस्तों अब तक हम शेयर बाज़ार के बारे में बहुत कुछ जान चुके है।

लेकिन कुछ बाते ऐसी है, जिस पर ज्यादातर लोग ध्यान नहीं देते।

हम यहाँ पर प्रयास करेंगे की ऐसी बातो की जानकारी भी आपको दे।

इसी तरह की एक जानकारी के बारे में आज हम बात करेंगे, जो है Delisting of Shares के बारे में।

अब बहुत से लोग शेयर बाज़ार में निवेश करने लगे है, शायद आप भी निवेश करते होंगे।

लेकिन क्या आप यह जानते है, की अगर आपने जिस Share में निवेश किया है, अगर वह Delist हो गया तो क्या होगा ?

क्या आपके पैसो का नुकसान हो जाएगा या आपको आपके पैसे मिल जाएंगे ?

आज इन सभी सवालो के जवाब आपको यही पर मिल जाएंगे।

तो आइए पहले जानते है की,

 

Delisting of Shares का मतलब क्या है ?


जैसे हम जानते है की IPO में कंपनियां अपने शेयर सीधे निवेशकों को बेचती है।
फिर उस शेयर को NSE और BSE जैसे Stock Exchange पर list किया जाता है।

उसे Listing करना कहते है। Delisting उसके बिलकुल विरुद्ध प्रक्रिया है।

यानी Delisting में Stock Exchange में listed किसी कंपनी के शेयर को वहा से हटा दिया जाता है।

जिसके बाद उस शेयर में कोई भी व्यक्ति खरीद बिक्री नहीं कर सकता।

अब आप यह जानना चाहेंगे की

किसी कंपनी के शेयर को Delist क्यु किया जाता है ?


कंपनीओ को दो प्रकार से Delist किया जाता है :

  1. Voluntary Delisting
  2. Compulsory Delisting

1) Voluntary Delisting :

कई बार कंपनियां खुद ही अपने शेयर Stock Exchange से Delist करवाना चाहती है।

इस तरह की Delisting को Voluntary Delisting कहा जाता है।

इसके पीछे के कई कारण हो सकते है, जैसे :

  • कंपनी को लगता है, की उसके शेयर की किमत उसकी सही Value नहीं दिखा रही है।
  • अगर Promoter खुद ही सारा हिस्सा Control करना चाहते हो तब भी ऐसा हो सकता है।
  • अगर कंपनी के शेयर में Trading बहुत कम या न होती हो तब। 

ऐसे कई और भी कारणों से कंपनी खुद अपने शेयर को Stock Exchange से Delist करवाना चाह सकती है।

2) Compulsory Delisting :


कई बार कुछ कंपनीओ को SEBI द्वारा आवश्यक रूप से Stock Exchange पर से Delist कर दिया जाता है।

इस तरह की Delisting को Compulsory Delisting कहते है।

जब कोई कंपनी Stock Exchange पर listing बनाए रखने के Compliances को fulfill नहीं करती तब उसकी Compulsory Delisting की जा सकती है।

अब जानते है की,

जिन्होंने उस शेयर में निवेश किया है उनके पैसो का क्या होगा ?


आप यह जानकर खुश होंगे की किसी भी शेयर की Delisting होने से पहले उसके निवेशकों को 1 महीने का समय दिया जाता है।

इस समय के दौरान निवेशकों को उस कंपनी के शेयर Promoter को बेच देने होते है।

किस तारीख से किस तारीख तक ऐसा किया जा सकता है, इसके बारे में जानकारी अख़बार और अन्य मीडिया में कंपनी द्वारा दी जाती है।

यह जानकारी English और Hindi दोनों ही भाषा में दी जाती है।

जिसमे Delisting की पूरी जानकारी दे दी जाती है।

जैसे Delist होने वाली कंपनी का नाम , Stock Exchange जहा से वह Delist होने वाली हो अदि।

किस दाम पर शेयर बेच सकते है ?


निवेशकों को Delisting की प्रक्रिया निश्चित होने वाली Final Price पर अपने शेयर बेचने होते है।

यह प्रक्रिया कुछ इस प्रकार होती है :

  • सबसे पहले उसे कंपनी को अपने Board of Directors से Delisting के लिए Approval लेना पड़ता है।
  • इस Meeting में उस कंपनी के शेयर की एक flor price तय होती है।
  • फिर कंपनी को Stock Exchange से Delisting के लिए Permission लेनी पड़ती है।
  • Stock Exchange से मंजूरी मिलने के बाद कंपनी Delisting के बारे में announcement करती है।
  • जिसमे निवेशकों को किस तारीख से किस तारीख तक अपने शेयर बेचने के लिए bid लगानी है उसकी जानकारी दी जाती है।
  • इस प्रक्रिया में जिस दाम पर सबसे ज्यादा Bid आती है, वही Delisting की Final Price होती है।
  • अगर Promoter को वह Price मंजूर है, तो कब तक शेयर धारक अपने शेयर Promoter को बेच सकते है, इसकी Announcement की जाती है।
  • लेकिन अगर Promoter को वह Price मंजूर न हो तो Delisting नहीं हो सकती।
  • इसके अलावा अगर Bidding के समय के दौरान बहुत कम ही Bidding आए तब भी Delisting नहीं हो सकती।

अगर में उस 1 महीने में अपना शेयर बेच नहीं पाया तो क्या होगा ?


अगर किसी वजह से आप दिए गए 1 महीने में अपने शेयर नहीं बेच सके तब आपके पास 1 साल का समय है।

इस 1 साल में आप कभी भी अपने शेयर उस कंपनी के Promoter को बेच सकते है।

और उन Promoter को वह शेयर आवश्यक रूप से खरीदने ही पड़ेंगे।

अगर आप इस 1 साल में भी अपने शेयर बेचने से चूक जाए तब आप उस शेयर में शेयर धारक तो रहेंगे ही।

मगर आप उस शेयर को सीधा Stock Exchange पर नहीं बेच सकते।

अपने शेयर आप किसी अन्य खरीददार को खोजकर Transfer कर सकते है, या फिर उस कंपनी की फिर से listing की राह देख सकते है।

लेकिन ऐसा जरुरी नहीं है, की वह कंपनी फिर से list हो।

इस लिए आपको अपने शेयर दिए गए 1 महीने के दौरान ही बेच देना ही सबसे सही रास्ता हो सकता है।

कंपनी के delisting से मुझे लाभ होगा या नुकसान ?


आपको कंपनी की Delisting से लाभ भी हो सकता है और नुकसान भी।

यह आपकी खरीद किमत और Delisting की final price पर निर्भर करेगा।

कई बार Voluntary Delisting के समय कई बार कंपनी बाज़ार से ज्यादा दाम पर अपने शेयर खरीदती है।


अगर ऐसे समय final price आपकी खरीद किमत से ज्यादा होगी तो आपको लाभ भी हो सकता है।

लेकिन अगर final price आपकी खरीद किमत से कम है, तो आपको नुकसान भी हो सकता है।

निष्कर्ष :


तो दोस्तों आज हमने Delisting of Shares के बारे में सीखा।

उम्मीद करता हु अब से आप अपने निवेश किए हुए शेयर के बारे में आने वाली News जरूर पढ़ेंगे।

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धन्यवाद।

By Gaurav

Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।