दोस्तों अब तक हम शेयर बाज़ार के बारे में और उसमे लिस्टेड कंपनीओ के बारे में बहुत कुछ जान चुके है।
हम यह जानते है, की कंपनियां अपनी जरुरत के पैसे जुटाने के लिए दो तरीके अपनाती है।
वह दो तरीके है, Equity यानी शेयर जारी कर के पैसे जुटाना और Debt यानी क़र्ज़ ले कर पैसे जुटाना।
Equity यानी शेयर के बारे में तो पहले ही जान चुके है।
और Debt में भी दो तरीके सामिल है, पहला है, बैंक से क़र्ज़ लेकर और दूसरा है, Bond या Debenture जारी कर के।
इनमें से बैंक से क़र्ज़ लेने को तो आप जानते ही होंगे।
और Debentures के बारे में हमने पहले ही यहाँ पर बात की थी : Debentures क्या है ?
इस लिए आज हम Bond के बारे में जानेंगे।
हम जानेंगे की
तो आइए पहले जानते है की ,
- बॉन्ड क्या होते है ? (Bond Meaning in Hindi)
- बॉन्ड किस प्रकार के होते है ?
बॉन्ड क्या होते है ? (Bond Meaning in Hindi)
Bond भी Debenture की तरह एक तरह के ऋणपत्र ही होते है।
जब भी सरकार को पैसो की जरुरत होती है, तब वह Public को Bond जारी कर के उनसे पैसा जुटाती है।
इस पैसे के बदले में वह Public को एक निश्चित ब्याज देती है।
यह ब्याज वह हर साल या फिर bond की परिपक़्वता के वक्त भी ले सकते है।
आपने अपनी Fixed Deposit की Receipt को तो देखा ही होगा।
Bond भी कुछ वैसे ही दीखते है।
बॉन्ड की शब्दावली :
1) Issuer : Bond Meaning in Hindi
2) Holder :
जो व्यक्ति बॉन्ड खरीदती है, उसे बॉन्ड holder कहा जाता है। जैसे अगर आपने भारत सरकार द्वारा जारी किए गए बोंड्स को खरीदकर उसमे निवेश किया तो आप बन जाएंगे उन बॉन्ड के Holder.
3) Face Value :
Face Value बॉन्ड की किमत होती है, जो की उसके परिपक़्व होने पर उसके holder को मिलती है।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी बॉन्ड की face value 100 रुपए है, तो उसके परिपक़्व होने पर उसके बदले में 100 रुपए मिलेंगे।
आप जितनी राशि का निवेश करेंगे उतनी राशि के बॉन्ड आपको मिलेंगे।
जैसे आपने 1 लाख रुपए के बॉन्ड खरीदे और अगर उन बोंड्स की face value 100 रुपए है तो आपके पास कुल 1000 बोंड्स हो जाएंगे। इन बॉन्ड के परिपक्व (Mature) होने पर हर एक बॉन्ड के बदले 100 रुपए मिलेंगे।
4) Maturity date :
यह वो तारीख होती है, जिस दिन बॉन्ड परिपक़्व होता है। इस दिन बॉन्ड को आपको उसके issuer को सोंपकर आपका निवेश किया हुआ पैसा वापस ले सकते है।
बिलकुल वैसे ही जैसे जिस दिन आपकी FD Mature होते ही आपका पैसा आपके बैंक खाते मे जमा कर दिया जाता हैं।
किसी भी बॉन्ड पर ही उसकी Maturity Date लिखी हुई होती है।
Bond holder को जिस दर से ब्याज दिया जाएगा उसे Coupon Rate कहते है। यह ब्याज उसकी face value पर मिलता है।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी बॉन्ड का coupon rate 8 % है और उसकी face value 100 रुपए है, तो उसे 8 % के दर के हिसाब से हर साल 8 रुपए का ब्याज दिया जाएगा।
किसी भी बॉन्ड पर ही उसकी Maturity Date लिखी हुई होती है।
5) Coupon Rate : Bond Meaning in Hindi
Bond holder को जिस दर से ब्याज दिया जाएगा उसे Coupon Rate कहते है। यह ब्याज उसकी face value पर मिलता है।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी बॉन्ड का coupon rate 8 % है और उसकी face value 100 रुपए है, तो उसे 8 % के दर के हिसाब से हर साल 8 रुपए का ब्याज दिया जाएगा।
6) Yield : Bond Meaning in Hindi
Bond Yield का मतलब है, बॉन्ड खरीदने वाले को उसकी मेच्योरिटी के वक्त मिलने वाला कुल रिटर्न।
अब आपके मन मे यह सवाल उठेगा की,
अगर yield निवेशक को मिलने वाला कुल रिटर्न है, तो फिर coupon rate और yield मे फर्क क्या है ?
इस सवाल का जवाब आपको नीचे दिए गए Ideal Coaching के विडियो मे से बहुत अच्छे से मिल जाएगा। तो आप पहले नीचे दिया गया विडियो देखिए और फिर हम बॉन्ड के प्रकार के बारे मे जानेंगे।
अब हम जानते है की, Bonds Meaning in Hindi
बॉन्ड के प्रकार क्या होते है ? (Types of Bonds) :
बॉन्ड के अलग अलग प्रकार कुछ इस तरह है।
1) Fixed Rate Bond in Hindi (फिक्स्ड रेट बॉन्ड) :
इस तरह के Bond में holder को दिया जाने वाला ब्याज एक निश्चित प्रतिशत ही होता है। जैसे किसी बॉन्ड का coupon rate फिक्स 7% है, तो वह Fixed Rate Bond कहलाएगा।
2) Floating Rate Bond in Hindi (फ़्लोटींग रेट बॉन्ड):
इस तरह के Bond में holder को निश्चित ब्याज नहीं मिलता बल्की हर साल यह ब्याज बाज़ार के अनुसार बदलता रहता है। इसी लिए इस तरह के बॉन्ड को floating rate bond कहते है।
3) Inflation Rate Linked Bond in Hindi (इन्फ्लेशन रेट लिंक्ड बॉन्ड):
इस तरह के बॉन्ड में दिया जाने वाला ब्याज यानी coupon rate समय समय के Inflation Rate से लिंक होता है।
यहाँ से पढ़े : Inflation क्या है ?
इनमे मिलने वाला रिटर्न Inflation Rate से थोड़ा ज्यादा होता है।
4) Tax Saver Bond in Hindi (टेक्स सेवर बॉन्ड):
इस तरह के Bond में निवेश करने पर Tax में छूट मिलती है।
अगर कोई व्यक्ति निश्चित ब्याज दर वाले निवेश पर कर छूट भी पाना चाहे तो वह इन bond में निवेश कर सकता है।
5) Bearer Bond in Hindi (बिअरर बॉन्ड):
इस तरह के bonds में किसी holder का नाम नहीं लिखा होता, जिस व्यक्ति के पास यह बॉन्ड है, वही इस बॉन्ड की राशि को पा सकता है।
6) Discount Bond in Hindi (डिस्काउंट बॉन्ड):
हमने ऊपर दिए गए विडियो में समझा कई बार बॉन्ड के होल्डर अपने बॉन्ड को उसकी face value से कम दाम पर भी बेच सकते है, इस तरह के बॉन्ड को आप डिस्काउंट बॉन्ड कह सकते है।
जैसे अगर किसी बॉन्ड की face value 100 रूपए है, और वह आपको 90 रूपए में मिल रहा है, तो आप इसे डिस्काउंट बॉन्ड कह सकते है।
ऐसे बॉन्ड को बेचते वक्त आपको उसकी किमत 100 रूपए जितनी मिलेगी। जिस से की आपका मुनाफा 100 - 90 यानी की 10 रूपए प्रती बॉन्ड हो जाएगा।
और साथ में जिस coupon rate से हर साल उसमे निश्चित ब्याज मिलेगा वह तो एक अलग ही रिटर्न होगा।
7) Zero Coupon Bond in Hindi (शून्य कूपन बॉन्ड):
इस तरह के बॉन्ड का coupon rate यानी मिलने वाला रिटर्न 0 % का होता है। जिस से इसको खरीदने वाले को कोई ब्याज नहीं दिया जाता।
अब आप सोचेंगे की अगर ब्याज नहीं मिलेगा तो फिर बॉन्ड होल्डर को क्या लाभ होगा ?
इस प्रश्न का उतर है की, zero coupon bonds में interest तो नहीं मिलता लेकीन इन्हे इनकी face value से discount पर जारी किया जाता है, लेकीन उसकी मच्योरिटी पर इनके बदले में उसकी face value जितनी राशी मिलती है।
जैसे अगर आपको कोई zero coupon bond जिसकी face value 100 रूपए है वह 85 रूपए में मिलता है, तो उसकी मच्योरिटी पर आपको आपके 85 रूपए के बदले 100 रूपए मिलेंगे जिस से आपको 15 रूपए का रिटर्न मिलेगा।
इस लिए इस तरह के बॉन्ड में coupon rate शून्य होते हुए भी निवेशक को रिटर्न मिलता है।
8) Convertible Bond in Hindi (परिवर्तनीय बॉन्ड) :
कई बार आपने बॉन्ड के ज़िक्र के साथ convertible bond का ज़िक्र भी सुना होगा। इस तरह के बॉन्ड की विशेषता यह है, की इनको एक निश्चित समय के बाद बॉन्ड धारक उस कंपनी के Shares में बदल (convert) कर सकता है।
ऐसे बॉन्ड में पहले ही यह निश्चित कर दिया जाता है, की एक बॉन्ड को कितने शेयर में बदला जा सकेगा, जिस से शेयर में बदलते वक्त कोई समस्या न हो।
अगर आपने किसी कंपनी के convertible bond ख़रीदे है, और कुछ सालो बाद उसको शेयर में convert करवा दिया तो ऐसे में अगर उस कंपनी के शेयर की किमत बहुत बढ़ चुकी है, तो आपको बहुत अच्छा लाभ भी मिल सकता है।
तो दोस्तों यह थे Bond के कुछ प्रकार।
निष्कर्ष :
दोस्तों आज हमने सीखा की Bonds Meaning in Hindi क्या है ? और Bond के प्रकार क्या होते है ?
उम्मीद करता हु आपके लिए यह जानकारी उपयोगी साबित होगी।
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